होली 2022 शुभ मुहूर्त,तिथि,समय

होली 2022 शुभ मुहूर्त,तिथि,समय

होली 2022

होली भारत का एक बहुत ही लोकप्रिय पर्व है जिसे भारत देश के सभी हिस्सों में हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है , इसके साथ साथ होली का त्यौहार एशिया के कई देशो में भी मनाया जाता है और इस त्यौहार की ख्याति विश्व भर में फैली हुई है , होली का त्यौहार संपूर्ण भारत में तीन दिनों तक चलता है जिसमे प्रथम दिन होलिका दहन किया जाता है , दूसरे दिन विभिन्न तरह के रंगों एवं गुलालों से होली खेली जाती है और तीसरे दिन भाई दौज का त्योहार मनाया जाता है , होली भारत का एक प्रमुख त्यौहार है और इस उपलक्ष्य में संपूर्ण भारत वर्ष में दो से तीन दिन अवकाश होता है, उत्त्तर भारत में इस त्यौहार का विशेष महत्व है जहाँ ये त्यौहार लगभग एक सप्ताह तक चलता है और इस पर्वे में हर वर्ग का व्यक्ति चाहे वो बच्चा हो या बुजुर्ग सभी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है. होली 2022 हर वर्ष की भाटी इस वर्ष भी पुरे भारत के साथ साथ एशिया और अन्य देशो में धूम धाम से मनाई जाएगी

Holi 2021 date holika dahan kab hai time shubh muhurat puja vidhi in india: Holi 2021: कब है होली, जानिए होलिका दहन की तिथि, किस दिन खेला जाएगा रंग - India TV Hindi News

मथुरा होली 2022 कैलेंडर

Holi 2022 Date In India Calendar, When Is Holi In The Year 2022?

होली २०२२ तिथि (Holi 2022 Date)

12 मार्च 2022, शनिवार
बरसाना होली , लड्डू होली श्री जी मंदिर बरसाना

13 मार्च 2022, रविवार
लठमार होली , बरसाना होली

14 मार्च 2022, सोमवार
नंदगाव होली , लठमार होली नंदभवन

15 मार्च 2022 , मंगलवार
वृन्दावन होली, फूलों की होली बांके बिहारी मंदिर, रंग भरनी होली वृन्दावन

15 मार्च 2022, मंगलवार
मथुरा होली , जन्मभूमि होली , द्वारकाधीश होली

16 मार्च 2022 ,बुद्धवार
गोकुल होली , रमन रेती होली

18 मार्च 2022,शुक्रवार
होलिका दहन, द्वारकाधीश डोला , विश्राम घाट होली

होली का इतिहास

होली त्यौहार का इतिहास का वर्णन विष्णु पुराण के समय से ज्ञात होता है जब भगवान् विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए नरसिम्हा अवतार धारण किया था,दैत्य हिरण्यकश्यप की बहन का नाम होलिका था जिसे यह वरदान प्राप्त था की वह जलती आग में एक विशेष वस्त्र पहनकर जो की उसे साधना से प्राप्त हुआ था पहनकर बैठ जाये तो उस पर उस अग्नि का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा ,इसी अनुसार अपने भ्राता हिरण्यकश्यप के कहने पर जब होलिका हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद को लेकर अग्नि में प्रवेश कर गयी थीजो की भगवान् विष्णु का परम भक्त थे , परिणाम स्वरुप भगवान् विष्णु की कृपा से भक्त प्रहलाद का बाल भी बांका नहीं हुआ और हिरण्यकश्यप की बहन होलिका जल कर रख हो गयी , तभी से इस पर्व को बुराई पर अच्छाई के रूप में मनाया जाता है और हर वर्ष लोग एकत्र होकर होलिका देहें करते है।

इस पर्व का इतिहास भगवन श्री कृष्ण के जन्म से भी जुड़ा हुआ है जब भगवान् श्री कृष्ण  ने मथुरा में जन्म लिया था जो की उत्तर भारत में स्थित है और ऐसा माना जाता है की संपूर्ण ब्रज मंडल में भगवान् कृष्णा अपनी प्रिय राधा जी एवं उनकी सहेलियों के साथ ब्रज में होली का पर्व मानते थे , और आज भी संपूर्ण ब्रज मंडल में इस पर्व को अत्यंत उत्साह के साथ मनाया जाता है

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होली 2022 पूजा विधि,शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार होलि का त्यौहार फाल्गुन मॉस की पूर्णिमा तिथि के दिन माने जाता है। वर्ष 2022 में होली का त्यौहार दिनाक 17 मार्च को होलिका दहन और 18 मार्च को देश भर में धुलेंडी का त्यौहार मनाया जायेगा। हर वर्ष की भाँती इस वर्ष भी होलिका दहन का महूर्त एक विशेष समय पर होगा। 2022 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि 9 बजकर 20 मिनट से लेकर 10 बजकर 31 मिनट रहेगा, इसकी संपूर्ण विधि का शुभ मुहूर्त लगभग 1 घंटा 11 मिनट रहेगा। ठीक उसी प्रकार दिनांक18 मार्च 2022 को प्रातः बेला से लेकर अपराह्न 3 बजे तक होली खेलने का शुभ महूर्त रहेगा

होली त्यौहार कैसे मनाये ?

यु तो होली पर्व संपूर्ण भारत में मनाया जाता है पर उत्तर भारत में इसका ख़ास महत्व है अथवा देश विदेश से सैलानी इस त्यौहार को मानाने ब्रज की धरती पर उपस्थित होते है , इस त्यौहार को प्रथम दिन सभी घर परिवार और मोहल्ले और गाओं के लोग एकत्र होकर होलिका दहन करते है जिसकी तैयारी लगभग एक सप्ताह पूर्व से ही शुरू हो जाती है, और जगह जगह छोटे छोटे स्टार पर लोग होलिका दहन का कार्यक्रम रखते है , उसी प्रकार उतर भारत में भी लोग गाय के गोबर के बने हुए छोटे छोटे कंडे बनाकर घरों में भी होलिका दहन करते है , ऐसा मन जाता है की इस प्रथा से वातावरण में मौजूद सभी बुराइयों को नष्ट कर दिया जाता है,

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होली के दूसरे दिन जिस दिन होली का पर्व रंग और गुलाल के साथ मनाया जाता है, सर्वप्रथम लोग सुबह उठकर अपने सभी बुजुर्गों और घर के बड़े लोगों के पर छूकर इस पर्व की शुरुआत करते है, उसके उपरांत सभी लोग आपस में गले मिलकर और गुलाल लगाकर इस त्यौहार को मानते है, इस त्यौहार को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है जहाँ विभिन्न तरह के रंगो से रंगे हुए लोग और बच्चे जमकर होली खेलते है और गुलाल उड़ाते है इस त्यौहार पर रंग बिरंगी छठा देखते ही बनती है और ऐसा लगता है मनो पूरा ब्रजमण्डल रंगों में नाहा गया हो , इस त्यौहार में लोग विभिन्न तरह के पकवान भी घरों में बनाते है जिसमे प्रमुख स्थान गुजिया, पकोड़े, चंदिया, नमकीन और सांख का होता है, जो भी लोग बहार से होली मानाने आते है उन्हें ये भोजन परोस कर एवं गुलाल लगा कर उनका स्वागत किया जाता है।

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इस त्यौहार के तीसरे दिन सभी लोग भैया दौज का त्यौहार मनाते है जिसमे बहन अपने भाइयों के मस्तिष्क पर रोली चन्दन कर टीका लगाकर और मिठाई खिलाकर इस पर्व को मानते है और बदले में भाई अपनी बहनो को उपहार देकर उनका सम्मान करते है

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होली 2022 संपूर्ण जानकारी

साल २०२२ में होली का पर्व बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जायेगा।  इस बार होलिका दहन दिनांक 17 मार्च 2022 को बृहस्पति वार के दिन किया जायेगा और रंगो वाली होली (धुलेंडी) दिनांक 18 मार्च 2022 को मनाई जाएगी, भाई दौज का त्यौहार दिनांक 19 मार्च को मनाया जायेगा

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होलिका दहन का समय एवं तिथि

शुभ महूर्त के अनुसार 17 मार्च के दिन होलिका दहन का त्यौहार प्रस्तावित है और होलिका दहन का समय इस बार 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 31 मिनट के मध्य होगा , जिसमे सभी जगह होलिका दहन किया जायेगा।

Holi 2022 - Calendar Date

होली कैलेंडर

वर्ष                  दिन                      तारीख           होलिका दहन            धूल भरी होली
2022      बृहस्पतिवार                 17 मार्च           18 मार्च                    18 मार्च
2023       मंगलवार                     7 मार्च             7 मार्च                      8 मार्च
2024        सोमवार                     25 मार्च            25 मार्च                   26 मार्च
2025       शुक्रवार                      14 मार्च             14 मार्च                    15 मार्च

मथुरा वृन्दावन होली 2022

मथुरा वृन्दावन जो की उत्तर भारत में स्थित है जहाँ हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी होली 2022 का पर्व बड़ी धूम धाम से मनाया जायेगा।  मथुरा भगवान् श्री कृष्णा का जन्म स्थल है और यहाँ इस पर्व का ख़ास महत्व है होली के पर्व पर यहाँ विशेष रूप से भगवान् श्री कृष्णा के जन्म स्थल और उनके मंदिरों को फूलों और लाइटिंग से सजाया जाता है , इस मौके पर यहाँ मंदिरो विशेष रूप से कार्यक्रम आयोजित किये जाते है और भगवान् श्री कृष्णा के भक्त यहाँ आकर भाव विभोर हो उठते है। यहाँ सभी भक्तों को गुलाल लगाकर उनका स्वागत किया जाता है और इस पर्व में हिस्सा लेने देश विदेश से यहाँ पर्यटक आते है।

वृन्दावन भगवान् श्री कृष्णा जन्मस्थल से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहाँ भगवान् श्री कृष्ण के प्रमुख मंदिर उपस्थित है। यहाँ विशेष रूप से होली पर्व का आनंद लेने देश विदेश और भारत के विभिन्न राज्यों से यहाँ आते है।  यहाँ लगभग सभी मंदिरो में रंग और गुलाल द्वारा होली खेली जाती है और सभी यात्री एवं भक्त यहाँ आकर इस आनंदित पर्व का लुत्फ़ उठाते है,

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मथुरा के प्रमुख स्थल जहाँ होली का आयोजन किया जाता है कुछ इस प्रकार है ;-

श्री कृष्ण जन्मभूमि , द्वारकाधीश मंदिर, केशव देव मंदिर एवं विश्राम घाट  ,

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वृन्दावन के प्रमुख मंदिर

वृन्दावन के कुछ प्रमुख मंदिरों में विशेष रूप से होली का आयोजन किया जाता है जिनमे सर्वप्रथम है वृन्दावन का बांके बिहारी मंदिर, यहाँ हजारो श्रद्धालु बाल रूप बे बिराजमान भगवान् कृष्ण के साथ होली खेलने आते है यहाँ पुरे मंदिर प्रांगण को विशेष फूलों द्वारा सुसज्जित किया जाता है एवं पुरे मंदिर परिसर में गुलाल और रंग भरी पिचकारियों से रंग की बौछार की जाती है , दूसरा स्थान यहाँ इस्कॉन मंदिर का आता है जो की हरे रामा हरे कृष्णा संस्था द्वारा संचालित है इस मंदिर में विशेष रूप से विदेशी भक्तों द्वारा होली के महोत्सव पर भजन कीर्तन की प्रस्तुति होती है। और

एक दसूरे को गुलाल लगाकर सभी भक्त इस उत्सव का आनंद प्राप्त करते है।  यहाँ भक्तों के लिए विशेष प्रसाद वितरण का आयोजन भी किया जाता है। इसके अलावा प्रेम मंदिर, राधा बल्लभ मंदिर, गोविन्द देव जी मंदिर, मदन मोहन मंदिर और जुगल किशोर जी मंदिर में भी इस अवसर पर विशेष आयोजन किये जाते है

JKP India on Twitter: "LIVE. Prem Mandir Holi Celebrations 2018. #jagadgurukripaluparishat https://t.co/jqgFx9VY5x" / Twitter

बरसाना लठमार होली 2022,

बरसाना आगरा दिल्ली हाईवे के समीप कोसी कलां छेत्र में बसा हुआ एक छोटा सा गाँव है  बरसाना हिन्दू धर्म के अनुयायिओं के लिए एक विशेष धर्म स्थल है जहाँ श्री राधा रानी का जन्म हुआ था , यहाँ लाखों की तादात में भक्त हर वर्ष श्री राधा रानी के दर्शन करने पहुँचते है जो की एक पहाड़ी एक ऊपर स्थित भव्य मंदिर में विराजमान है, बरसाना की लठमार होली विश्व भर में प्रसिद्द है जिसका आयोजन प्रति वर्ष होली की तिथि से कुछ दिन पूर्व किया जाता है।  इस पर्व गाँव की महिलाये एवं पुरुष एक स्थान पर एकत्र होकर लठमार होली खेलते है जहाँ सभी महिलाये पुरुषो को होली के गीत गाकर लठों से पीटती है और पुरुष वर्ग उनकी पिटाई से बचने का भर्सक प्रयास करते है , यह द्रश्य इतना सूंदर प्रतीत होता है जिसे अपने कैमरा में कैद करने देश विदेश से पर्यटक यहाँ पहुँचते है एवं इस त्यौहार में पहाड़ी पर स्थित मंदिर से अबीर और गुलाल की वर्षा की जाती है।

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होली 2022 की तैयारी कैसे करें ?

होली त्यौहार से कुछ दिन पूर्व से ही सर्वप्रथम लोग लकड़ियां एकत्र करते है जिससे की होलिका दहन किया जा सके, लगभग 15 दिने पहले से ही घरों की महिलाएं विभीन तरह के पकवान घरो में बनाना आरम्भ कर देते है जिन्हे की होली पर आने वाले मेहमानो को परोसा जाता है। बच्चे इस पर्व पर पहले से रंग वाली पिचकारी, गुब्बारे और गुलाल खरीद कर रख लेते है और त्यौहार आने पर सभी के साथ होली खेलते है। कई जगह पर विशेष नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है जहाँ बच्चे बड़े सभी वर्ग के लोग हिस्सा लेते है।

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Dr Atul Kumar Singh Parmar

Dr Atul is a graduate of R.B.S College Agra after the graduation did his Masters in Arts (English) Later pursued Bachelor of Education and Doctorate in English fro Agra University Agra. He has been been engaged in the tourism trade since 1995 , Worked as Govt Of India approved tour escort till 2011, He is promoter of S.A.M Tours and Travels. He is an avid traveler and travel writer with expertise in tours and travels, history, literature, architecture, social and political.

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